Suprabhat Shayari – ये दुनिया ठीक वैसी है

“ये दुनिया ठीक वैसी है जैसी हम इसे देखना पसंद करते हैं। यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब।
सुप्रभात!”