Subh Prabhat Shayari – सपनो के जहाँ से

“सपनो के जहाँ से अब लौट आऔ, हुई हे सुबह अब जाग जाओ, चांद – तारों को अब कह कर अलविदा, इस नए दिन की खुँशियों मे खो जाओ !”