Hindi Sher O Shayari – जनाजा मेरा उठ रहा

जनाजा मेरा उठ रहा था फिर भी तकलीफ़ थी उनको आने में,
बेवफ़ा घर में बैठी पूछ रही थी और कितनी देर लगेगी दफ़नाने में