Hindi Shayari Two Lines – मुझे रफ़्ता रफ़्ता

मुझे रफ़्ता-रफ़्ता नसीब कर ग़म-ए-हिज्र की जो हैं लज़्ज़तें
मेरे ज़ख़्म-ज़ख़्म का लुत्फ़ ले मेरे टूट जाने की ज़िद न कर