Hindi Shayari Four Lines – हज़ार तरके मुहब्बत का

हज़ार तरके मुहब्बत का अहद करता हूँ
मगर यह अहद मुकम्मल किया नहीं जाता
तेरी ज़फ़ाओं से है तलख ज़िन्दगी अपनी
तेरे बगैर भी ज़ालिम जिया नहीं जाता।