Hindi Shayari Four Lines – हर एक से बेगाना

हर एक से बेगाना बन रहे हैं
किसी की जानिब नज़र नहीं है
खबर जो रखते हैं इस तरह से
कि जैसे कोई खबर नहीं है। (जिगर मुरादाबादी)