Hindi Shayari Four Lines – सावन में मरुस्थल

सावन में मरुस्थल भी चहक जाते हैं
कांटे भी बहारों में महक जाते हैं
निर्दोष जवानी पै न झुंझलाओ तुम
इस उम्र में सब लोग बहक जाते हैं।