Hindi Shayari By Ahmad Faraz – वो ये समझता है की

वो ये समझता है की मैं हर चेहरे का तलबगार* हूँ फ़राज़
मैं देखता सभी को हूँ बस उस की तलाश में हूँ
* तलबगार = इच्छुक