Hindi Poetry In 4 Lines – मैं राही बना अब

मैं राही बना अब इन सूनी राहों का
कल तो दीवाना था उनकी निगाहों का
कदम यूँ तो सब ही के लड़खड़ाते हैं
मुझको ही सहारा न मिला हुस्न बांहों का।