Hindi Poetry In 4 Lines – मैंने हर गम खुशी

मैंने हर गम खुशी में ढाला है
मेरा हर एक चलन निराला है
लोग जिन हादसों से मरते हैं
मुझ को उन हादसों ने पाला है । (नरेश कुमार ’शाद’)