Hindi Poetry In 4 Lines – दूर रहूँ तो नींद न आए

दूर रहूँ तो नींद न आए, पास रहूँ तो जी घबराए
जाने यह कैसा आकर्षण जो डँस ले तो नींद न आए
रात मिलन की और लजाकर कोई ऐसे दीप बुझाए
लगता जैसे एक उजाला एक उजाले से शर्माए ।