Hindi Poetry In 4 Lines – दूर मंज़िल है न यह
दूर मंज़िल है, न यह शाम और ढल जाए
बहके पाँवों को न यह रहगुज़र निकल जाए
प्यार तो कर लूँ अगर ऐसा न हो जाए कहीं
तेरी ’मासूमियत’ ’अन्दाज’ में बदल जाए।
Hindi Status Shayari Suvichar Jokes Ghazal
Huge Collection of Shayari, Jokes, Ghazal Lyrics, Hindi Suvichar
दूर मंज़िल है, न यह शाम और ढल जाए
बहके पाँवों को न यह रहगुज़र निकल जाए
प्यार तो कर लूँ अगर ऐसा न हो जाए कहीं
तेरी ’मासूमियत’ ’अन्दाज’ में बदल जाए।