Hindi Poetry In 2 Lines – र्द को ढालते हैं नग्मों में

र्द को ढालते हैं नग्मों में सोज को साज में बदलते हैं
दाद दे हमको ऐ गमे दुनिया जख्म खाकर भी फूल उगलते हैं।