Hindi Poetry In 2 Lines – बिछुड़ी हूँ मैं जब से तुम से

बिछुड़ी हूँ मैं जब से तुम से, चैन नहीं घड़ी भर आया
यह हृदय एक मिनट को भी, तुम्हें न भूल पाया।