Hindi Poetry In 2 Lines – दुश्मनी जम कर
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
Related Posts:
- Dosti Shayari | FriendShip Shayari | Yaari Shayari | Dost Ke… सच्ची है मेरी दोस्ती आजमा के देख लो,करके यकीं मुझ…
- Top 100 Best Hindi Font Shayari 2 Lines - Selected Two Lines… अपनी नाकामी का इक यह भी सबब है फ़राज़ चीज़…
- Top 100 Sad Hindi Font Shayari 2 Lines - Very Sad Two Lines… अगर वो पूछ ले हमसे, तुम्हें किस बात का…
- Happy New Year Shayari | 2023 Ki Shayari | Naya Sal Per… Happy New Year Shayari Status | New Year Shayari HindiNew…
- हिंदी शायरी २ लाइन - दुश्मनी जाम कर दुश्मनी जाम कर करो पर इतनी गुंजाइश रहे जब कभी…
- हिंदी शायरी ४ पंक्ति में - ये तों अच्छा हैं ये तों अच्छा हैं कि मेरे शहर के लोगों के…
- Ahmad Faraz Sher O Shayari - आशिकी में मीर आशिकी में "मीर" जैसे ख्वाब मत देखा करो बावले हो…
- Ahmad Faraz Ki Ghazal Shayari - इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ क्यूँ न ए…
- Ghazal Shayari Hindi Mein - कभी गम से दिल लगाया कभी गम से दिल लगाया कभी अश्क के सहारे कभी…
- Hindi Shayari By Ahmad Faraz - शिद्दते दर्द से शर्मिंदा शिद्दते दर्द से शर्मिंदा नहीं मेरी वफ़ा फ़राज़, दोस्त गहरे…
- Best Hindi Chutkule - पहला दोस्त पहला दोस्त : भाई कहाँ है ? दूसरा दोस्त :…
- Latest Hindi Shayari 2017 - क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर.. हाल…
- Best Hindi Suvichar - तिसुन्दर प्रार्थना ???? *अतिसुन्दर प्रार्थना* ???? सुकून उतना ही देना, प्रभु जितने…
- Shayari 4 Line Mein - तसुव्वर में कभी तो तसुव्वर में कभी तो आया भी करो कभी हमारे से…
- Hindi Poetry In 4 Lines - दूर मंज़िल है न यह दूर मंज़िल है, न यह शाम और ढल जाए बहके…