Hindi Ghazal Sher O Shayari – किसी के कफन को

किसी के कफन को उठते देखा।
जीता जागता मैंने उसे देखा।
फूल चंदन से भी सजा होने पर भी।
उसको हंसते रोते मैंने देखा।
किसी के……
दुल्हन के रूप में मोती से झिलमिल।
बिजली से चमकते मैंने उसे देखा।
गूंजी शहनाइयाँ प्यार तारों में चमके।
उसकी डोली को जाते मैंने देखा।
किसी के…..
अपनी अमानत को जाते मैंने देखा।
अपनी दुनिया उजड़ते मैंने देखा।
न शाह बची न वीरान बचे।
अपने प्यार को लुटते मैंने देखा।
किसी के…..
कफ़न (डोली) में सजकर बसूंगा (सुन्दर दुनिया) में लाकर
आत्म हनन करते मैंने उसे देखा।
फिर भी न पूरा हुआ यह अरमां।
उसकी डोली को उठते मैंने देखा।
किसी के…….