Hindi Ghazal Sher O Shayar – गर तेरी गली में

गर तेरी गली में आना जाना बना लिया होता
तो अब तक तुझको दीवाना बना लिया होता
हमको तो इस महफ़िल में आना था
वरना कोई भी बहाना बना लिया होता
अच्छा हुआ हम ज़मीन पर ही रहे
वरना अब तक निशाना बना लिया होता
इस तरह दर-ब-दर नहीं भटक रहे होते
गर कहीं कोई ठिकाना बना लिया होता
हम तो बस तेरे इंतज़ार में रह गए
वरना कोई दूसरा आशियाना बना लिया होता