Ghazal Shayari Hindi Mein – अपनी आदत है

अपनी आदत है हम गम में भी जी लेते हैं
अश्कों के जाम हम हंस-हंस के भी पी लेते हैं।
उनको क्या बात करें जो बहारों
को खिंज़ा मेम, बदल देते हैं
एक हम हैं कि उनके जख्मों को
सीने में लिए फ़िरते हैं
अपनी आदत है रातों में उठकर
हम ज़िन्दगी की राह देखा करते हैं ।
फूलों की सेज पर, वहीं वह किसी के
गले का हार बना करते हैं।
अपनी यह आदत है हम फिर भी
उनके ख्यालों मैं जिया करते हैं।
अश्कों के जाम हम हँस-हँ के
पिया करते हैं।