Ahmad Faraz Sher O Shayari – ये मुमकिन नहीं की

ये मुमकिन नहीं की सब लोग ही बदल जाते हैं
कुछ हालात के सांचों में भी ढल जाते हैं

कौन देता है उम्र भर का सहारा फ़राज़
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं