2 Lines Hindi Shayari – मिले ग़र ज़ख्म उल्फ़त

मिले ग़र ज़ख्म उल्फ़त में उसे ज़ाया न होने दे
ग़ज़ल की शक्ल देकर देख इश्क़ कितना नाम करता है!!!