हिंदी शायरी ४ लाइन में – गुजरते हैं तेरी गलियों

गुजरते हैं तेरी गलियों से मेरी
नज़रे तेरी एक झलक दे देती है..
गम ये नहीं है की आप दरवाजा बंद कर लेते हो..
ख़ुशी तो यह है की आप हमे अब भी पहचान लेते हो..