हिंदी शायरी ४ लाइन में – कौन जाने मुलाकात

कौन जाने मुलाकात फ़िर हो न हो
आज ही क्यूँ मन खोंलें फ़रेंबें कर्म
दिल की दूरी तो है खेल तकरार का
फ़ासिले क्या नज़र के भी होंगे न कम । (कतील शिफ़ाई)