हिंदी शायरी ४ पंक्ति में – कर सकूँ कुछ

कर सकूँ कुछ इसलिए जीता हूँ मैं
नेह पाऊँ इसलिए रोता हूँ मैं
दर्द लाखों, किन्तु मैं मुस्करा रहा
गम भुलाने के लिए पीता हूँ मैं ।