हिंदी शायरी २ पंक्ति में – मैं तुम्हारे चेहरे को

मैं तुम्हारे चेहरे को चाँद कह नहीं सकता
चाँद की हकीकत हम सब पे आशकारा है । (सबा अफगानी)