शायरी ४ लाइन में – उम्र का रास्ता हमदार

उम्र का रास्ता हमदार नहीं होता है
अपना साया भी मददगार नहीं होता है
दोस्त मज़बूरियों की बात अलग है,वरना
जन्म से कोई गुनहगार नहीं होता है ॥