शायरी २ लाइन में – आग लगी थी मेरे घर को

आग लगी थी मेरे घर को, उसने पुछा ! क्या बचा है ?
मैंने कहा मैं बच गया हुँ ! उसने हँसकर कहा ‘फिर जला ही क्या है’