तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
वो शख़्स था के एहसान कोई….
दिल से मेरे अब तक उतरा नहीं…!
पीते थे जिसके साथ वो साकी बड़ा हसीन था,
आदत लगा कर जालिम ने मयखाना बदल दिया।
बहुत आई गई यादें
मगर इस बार तुम ही आना।
तुमसे गुज़रे मेरे अंधेरे तुम्हें छू कर सवेरे हो गए
क्या जादू है तेरे वजूद में हम बेवज़ह ही तेरे हो गए
सुनो….
❤❤
सबको मेरे बाद ही रखियेगा
आप मेरी हो याद रखियेगा।।
फ़कत रेशम सी गांठे थी ,
जरा सा खोल लेते तुम….
अगर दिल में शिकायत थी ,
जुबाँ से बोल देते तुम….!!!!
मेरे बिना क्या अपनी ज़िंदगी गुज़ार लोगे तुम…??
इश्क़ हूँ, कोई बुखार नहीं जो दवा से उतार लोगे तुम 😘😘😘
“चहरे पर हंसी छा जाती है, आँखों में सुरूर आ जाता है!
जब तुम मुझे अपना कहते हो, अपने पर गुरुर आ जाता है!
हल्दी सी है…
मुस्कान आप की…
हर दर्द को कम कर देती है..