तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
तुमसे गुज़रे मेरे अंधेरे तुम्हें छू कर सवेरे हो गए
क्या जादू है तेरे वजूद में हम बेवज़ह ही तेरे हो गए