तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
बहुत आई गई यादें
मगर इस बार तुम ही आना।
तुमसे गुज़रे मेरे अंधेरे तुम्हें छू कर सवेरे हो गए
क्या जादू है तेरे वजूद में हम बेवज़ह ही तेरे हो गए
सुनो….
❤❤
सबको मेरे बाद ही रखियेगा
आप मेरी हो याद रखियेगा।।