खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती,
इन्सान की बंदगी बेईमान नहीं होती.
कही तो माँगा होगा हमने भी एक प्यारा सा दोस्त,
वर्ना यूंही हमारी आपसे पहचान न होती..
खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती,
इन्सान की बंदगी बेईमान नहीं होती.
कही तो माँगा होगा हमने भी एक प्यारा सा दोस्त,
वर्ना यूंही हमारी आपसे पहचान न होती..